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भारतीयों को होम इंश्योरेंस को गंभीरता से क्यों लेना चाहिए?

पाई-पाई जोड़कर एक मकान खरीदना फिर उसे घर बनाना इतना आसान नहीं होता जिंदगी भर की पूंजी अपने सपनों का घर बनाने में हम लगा देते हैं।अफसोस इस बात का हैं कि जब इस संपत्ति की सुरक्षा की बात आती है तो हम सोचते हैं इसकी क्या जरुरत पड़ेगी. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत में होम इंश्योरेंस की पहुंच केवल 1% है। यह अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के बिल्कुल विपरीत है, जहां होम इंश्योरेंस की पहुंच 90-97% के बीच है।

क्यो जरूरी है होम इंश्योरेंस
होम इंश्योरेंस में प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ सहित चोरी होने और अन्य छोटी मोटी चीजों से होने वाले नुकसान की रिकवरी इंश्योरेंस के जरिए की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से बचने के लिए अब होम इंश्योरेंस के प्रति गंभीर होने की जरूरत बढ़ती जा रही है। भारत में बाढ़, चक्रवात और आग समेत प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि देखी गई है। ये घटनाएं घरों और संपत्ति के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं, जिससे निवासियों के लिए अपने इंवेस्टमेंट की सुरक्षा करना जरूरी हो जाता है। होम इंश्योरेंस एक फाइनेंशियल सिक्योरिटी के रूप में काम करता है। जिससे किसी भी आपदा के बाद घर के रीकांस्ट्रक्शन या रीपेयरिंग में मदद मिलती है।

होम इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है?
बाढ़, आग, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं या चोरी, सेंधमारी से हुए घर और सामान को हुए नुकसान के लिए कवरेज प्रदान करता है। घर के भीतर के साजो सामान, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, घरेलू उपकरण, पोर्टेबल उपकरण जैसे सेल फोन या लैपटॉप, टेलीविजन आदि कवर होता है। होम इंश्योरेंस पॉलिसी में आभूषण यहां तक कि बैंक लॉकर में रखे गए कीमती वस्तुओं को भी शामिल किया गया है। कई घरों में अक्सर बहुमूल्य कलाकृतियाँ, चित्र, क्यूरियोस और अन्य कीमती वस्तुएं होती हैं, जिनका न्यूनतम प्रीमियम पर भी बीमा किया जा सकता है। होम इंश्योरेंस में आपके घर के साथ-साथ गैरेज, हॉल, परिसर आदि को भी कवर किया जाता है।

किराए के मकान का भी कवरेज
होम इंश्योरेंस सिर्फ उन प्रॉपर्टी मालिकों तक सीमित नहीं है जो अपने होम लोन को सुरक्षित करने के लिए संपत्ति बीमा खरीदते हैं या जो घर के मालिक हैं वही बीमा लेते हैं। यह बीमा तो किराए के मकानों में रहने वाले किरायेदार भी अपने साजो सामान की कवरेज के लिए खरीद सकते हैं।

होम इंश्योरेंस पॉलिसी इन परिस्थितियों में घर/सामान को हुए नुकसान/डैमेज को कवर नहीं करती है।

प्रोपर्टी (घर और सामान) को जानबूझकर तोड़ना
कच्चे निर्माण वाली प्रोपर्टी
आपके घर के ढांचे और सामान को पहले से हुआ नुकसान
इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम में निर्माण संबंधी खराबियां
कंज्यूमेबल चीजो का नुकसान/डैमेज
किसी चीज का रहस्यमयी ढंग से गायब होना और ऐसा नुकसान जिसका कारण स्पष्ट न हो
युद्ध या आक्रमण के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान/डैमेज
चोरी और सेंधमारी के क्लेम,अगर घर को लगातार 45 दिनों से अधिक समय तक खाली छोड़ा गया है

(सोर्स: bajajallianz.com)

होम इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार

स्टैंडर्ड फायर एंड स्पेशल पेरिल्स पॉलिसी: अप्रत्याशित घटनाओं जैसे बाढ़, दंगे, हड़ताल आदि से हुए नुकसान के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं।

कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी:. एक कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनना हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि यह सभी प्रकार के जोखिमों जैसे की बाढ़, तूफान, भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करती है।

होम इंश्योरेंस ज्यादा मंहगा नहीं

सबको एक गलतफहमी है कि होम इंश्योरेंस बहुत महंगा है जबकि होम इंश्योरेंस काफी सस्ता है। आमतैर पर ₹80 लाख की वैल्यु वाले घर ‘सिर्फ मकान’ कवर के लिए प्रिमियम की लागत ₹1680-1800 प्रति वर्ष या ₹4.60-4.93 प्रति दिन हो सकती है।
सामान बीमा राशि के लिए थोड़ा बड़ा कवर ₹2800 से ₹3000 प्रति वर्ष (₹7.67-8.22 प्रति दिन) तक हो सकता है।
होम इंश्योरेंस सिर्फ आपके घर को ही नहीं सुरक्षा देगा बल्कि यह आपके द्वारा बनाई यादों और सपनों को भी सुरक्षित रखता है।

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