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भारतीय रेलवे द्वारा ‘संग्यान ऐप’ लॉन्च: आज से लागू होने वाले नए आपराधिक कानूनों की विस्तृत जानकारी

भारतीय रेलवे ने ‘संग्यान ऐप’ नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जो आज से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।

इन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के साथ ही, देशभर के सभी 17,500 पुलिस थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि महिलाओं, युवाओं, छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों और विशिष्ट व्यक्तियों को इन कानूनों की मुख्य विशेषताओं के बारे में जागरूक किया जा सके।

ये नए कानून – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 – ब्रिटिश युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।

इन तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के साथ,आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्येक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नए कानूनों की मुख्य विशेषताओं को उजागर करना है और ये पुलिस थानों या उपयुक्त स्थानों पर आयोजित होंगे। प्रतिभागियों में महिलाएं, युवा, छात्र, वरिष्ठ नागरिक, सेवानिवृत्त (Retired) पुलिस अधिकारी, विशिष्ट (Eminent) व्यक्ति, और स्वयं सहायता समूह, आंगनवाड़ी केंद्र, स्थानीय शांति समितियां और शैक्षणिक संस्थान जैसे स्कूल और कॉलेज शामिल होंगे।

नए आपराधिक कानूनों पर राष्ट्रव्यापी कार्यशालाएं

पुलिस संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, देश में 17,500 से अधिक पुलिस थाने हैं। सभी उच्च शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधीन आने वाले संस्थान 1 जुलाई को दिन भर के कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इन कार्यक्रमों में समूह चर्चा, कार्यशालाएं, सेमिनार और नए आपराधिक कानूनों के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी। इनका उद्देश्य न्याय की प्राप्ति के लिए बड़े पैमाने पर परिवर्तन को उजागर करना है, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ का व्यापक रूप से सहभागिता होगी। शून्य एफआईआर (Zero FIRs), ऑनलाइन पुलिस शिकायतों का पंजीकरण, इलेक्ट्रॉनिक मोड से समन और सभी गंभीर अपराधों के अपराध स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी नए कानूनों की मुख्य विशेषताएं हैं।

नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन (Implementation)

केंद्रीय गृह मंत्रालय आज से तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए तैयारी कर रही थी , जिसमें 40 लाख जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित (grassroots workers trained) किया गया है ताकि लोग इन कानूनों के बारे में जागरूक हो सकें और इनका प्रभाव समझ सकें, खासकर महिलाओं और बच्चों पर। 5.65 लाख से अधिक पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारी भी नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षित किए गए हैं। BPR&D ने 250 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनमें 40,317 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

नए आपराधिक कानूनों की विशेषताएं

नए कानूनों के तहत, पीड़ितों को एफआईआर की मुफ्त प्रति (copy) मिलेगी, जिससे उनकी कानूनी प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित होगी। कानून में एक महत्वपूर्ण जोड़ यह है कि गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में किसी चुने हुए व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार होगा, जिससे तत्काल समर्थन और सहायता मिल सके।

इसके अलावा, गिरफ्तारी का विवरण अब पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता (District Headquarters ) से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्रों को महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी। गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का अपराध स्थल पर जाना और सबूतों का संग्रह अनिवार्य होगा। साथ ही, अपराध स्थल पर सबूत संग्रह की प्रक्रिया को वीडियोग्राफ किया जाएगा ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो सके।

इस दोहरे दृष्टिकोण से जांच की गुणवत्ता और विश्वसनीयता (Credibility) में सुधार होता है और न्यायिक प्रशासन में निष्पक्षता बढ़ती है। नए कानूनों ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी है, जिससे सूचना दर्ज होने के दो महीने के भीतर जांच पूरी करने की समय सीमा तय की गई है। नए कानूनों के तहत, पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर उनके मामले की प्रगति के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त होंगे।

यह उल्लेखनीय है कि नए कानून सभी राज्य सरकारों को गवाह सुरक्षा योजना लागू करने का निर्देश देते हैं, जिससे गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित हो सके और कानूनी कार्यवाही की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता में वृद्धि हो। “लिंग” की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी शामिल किया गया है, जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है। सभी कानूनी कार्यवाही को इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित किया जाएगा, जिससे पीड़ितों, गवाहों और अभियुक्तों को सुविधा होगी और पूरी कानूनी प्रक्रिया को सुगम और तीव्र बनाया जा सकेगा

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