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पीएम मोदी का विपक्ष पर आरोप: ‘महिलाओं के साथ अत्याचार पर सिलेक्टिव रवैया चिंताजनक’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए बंगाल में एक महिला की पिटाई की घटना का जिक्र किया और विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए।

महिलाओं के साथ अत्याचार पर विपक्ष का सिलेक्टिव रवैया

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार पर विपक्ष का सिलेक्टिव रवैया बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “आदरणीय सभापति जी, मैं आपके माध्यम से देश को बताना चाहता हूं कि मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं और ना ही राजनीतिक स्कोर करने के लिए बोल रहा हूं। लेकिन कुछ समय पहले मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा। इस घटना के वीडियो में मैंने देखा कि एक महिला को सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा था। वो बहन चीख रही थी, लेकिन वहां खड़े किसी शख्स ने मदद नहीं की। वे सिर्फ वीडियो बना रहे थे। जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े करने वाली हैं।”

विपक्ष की चुप्पी पर पीएम का सवाल

पीएम मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े दिग्गजों के भाषणों में इस घटना को लेकर कोई पीड़ा नहीं दिखाई दी। उन्होंने कहा, “जो लोग अपने आप को प्रगतिशील नेता और नारीवादी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं क्योंकि उनका संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े किसी दल या राज्य से है। इस वजह से महिलाओं पर हुई पीड़ा पर वे चुप हैं।” पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस प्रकार के रवैये से देश को पीड़ा होती है और महिलाओं को उससे भी ज्यादा।

आजादी के 75वें वर्ष का महत्व

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, हमने जन उत्सव मनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “देश की जनता ने हमें तीसरी बार जो अवसर दिया है, वह अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को स्वीकृति देने के लिए है।”

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धर्म की राजनीति पर निशाना

राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि इस देश ने धर्म की राजनीति को ठुकरा दिया है और भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा, “दस साल के बाद किसी एक सरकार की फिर से वापसी हुई है।”

जनता के फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश

मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के छह दशक के बाद ये असामान्य घटना है। कुछ लोग जानबूझकर मुंह फेरकर बैठे हुए हैं, कुछ लोग हो-हल्ला करने में लगे हैं कि कैसे देश की जनता के इस फैसले को ब्लैकआउट किया जाए। उन्होंने कहा, “मैं कुछ दिन से देख रहा हूं कि दबे मन से ही सही पराजय स्वीकार की जा रही है।”

किसानों के हित में काम

पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसानी को एक व्यापक स्वरूप में देखा है। किसानों और मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिला है। पहले किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया था, लेकिन हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई और इसका लाभ 10 करोड़ किसानों को मिला है।

लोकसभा में भी विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी

पीएम मोदी ने इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ‘बालक बुद्धि’ और कांग्रेस को ‘परजीवी’ बताते हुए निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है और राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान को लेकर भी पलटवार किया था।

निष्कर्ष

पीएम मोदी का राज्यसभा में दिया गया भाषण विपक्ष पर कड़ा प्रहार था, जिसमें उन्होंने बंगाल की घटना का उल्लेख करते हुए विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने देश की जनता के विश्वास और महिलाओं के सम्मान की रक्षा की बात की और विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प दोहराया।

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