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कुवैत अग्निकांड: 45 भारतीय मजदूरों की मौत, शव वायुसेना के विमान से लौटा भारत

कुवैत के मंगाफ इलाके में एक बहुमंजिला इमारत में बुधवार (13 जून 2024) को भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। मृतकों में 45 भारतीय थे।

भारतीय वायुसेना से लाया गया शव

आज शुक्रवार (14 जून 2024) को भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान कुवैत से इन 45 भारतीय मजदूरों के शवों को लेकर कोच्चि पहुंच गया। विमान में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी मौजूद थे, जिन्होंने मृतकों के शवों को शीघ्रता से भारत लाने के लिए कुवैत अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय (coordinate) किया था।

शवों की पहचान और अंतिम संस्कार:

कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शवों के पहुंचने पर एर्नाकुलम रेंज के DIG पुट्टा विमलादित्य ने कहा कि शवों की पहचान के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों से भी बातचीत की है। 23 शव केरल, 7 तमिलनाडु और 1 कर्नाटक के हैं। शवों की पहचान के बाद उन्हें उचित तरीके से उनके पैतृक स्थानों (native places) पर भेजा जाएगा।

राज्य मंत्री का बयान:

राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि “यह एक बहुत ही दुखद घटना है। हमने मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद करने का वादा किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि घायलों को बेहतर इलाज मिले।”

केरल सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया:
केरल सरकार ने कुवैत अग्निकांड में मारे गए 19 केरलवासियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता(financial assistance) देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक में यह फैसला लिया था। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को घायलों के इलाज और मृतकों के शवों को भारत लाने के प्रयासों में समन्वय के लिए कुवैत भेजा गया था।

यह हादसा एक बार फिर से विदेश में काम करने वाले भारतीय मजदूरों की दयनीय स्थिति पर सवाल उठाता है। यह हादसा दर्शाता है कि, इन मजदूरों को अक्सर खराब और असुरक्षित आवासों (unsafe housing) में रहने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। सरकारों और नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि इन मजदूरों को सुरक्षित और सम्मानजनक काम (dignified working) करने की स्थिति प्रदान की जाए।

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