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Go Air की 94 एकड़ जमीन होगी नीलाम, इन बैंकों से लिया कर्ज

वाडिया ग्रुप, जो अपने Business बॉम्बे डाइंग और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के लिए प्रसिद्ध है, अब एक और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बंद हो चुकी एयरलाइन गो एयरवेज (Go Airways) को संकट से निकालने के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं।

हाल ही में ईज माय ट्रिप के सीईओ निशांत पिट्टी ने इस डील से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया था।उन्होंने स्पाइस जेट के अजय सिंह के साथ मिलकर वाडिया ग्रुप (Wadia Group) के मालिकी वाली गो एयरवेज को खरीदने की इच्छा जताई थी।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कार्रवाई

गो एयर को दिए गए लोन की वसूली के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने वाडिया ग्रुप की 94 एकड़ जमीन को नीलाम करने का निर्णय लिया है। यह जमीन मुंबई के नजदीक ठाणे में स्थित है, जिसकी नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 1,965 करोड़ रुपये रखा गया है। वाडिया रियल्टी ने गो एयरवेज के लिए गारंटर की भूमिका निभाई थी और यह जमीन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा(Bank of Baroda) और आईडीबीआई बैंक(IDBI Bank) को भी गिरवी रखी गई थी।अब दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही गो एयर के लिए एक और बुरी खबर आई है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) ने वाडिया ग्रुप की मुंबई स्थित 94 एकड़ कीमती जमीन को बेचने की तैयारी कर ली है।

नीलामी की प्रक्रिया

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया(Central Bank of India) ने इस जमीन की नीलामी की तारीख 22 जुलाई निर्धारित की है। इस नीलामी से 3,918 करोड़ रुपये के लोन की वसूली की उम्मीद है। नीलामी में भाग लेने के इच्छुक बोलीदाताओं को रिजर्व प्राइस का 5 फीसदी, यानी लगभग 98 करोड़ रुपये, जमा करना होगा।

वाडिया ग्रुप की पिछली जमीन बिक्री

यह पहली बार नहीं है जब वाडिया ग्रुप को अपनी संपत्तियां बेचनी पड़ी हैं। पिछले साल भी, नुस्ली वाडिया के स्वामित्व वाले इस ग्रुप ने कर्ज चुकाने के लिए मुंबई के वरली में स्थित अपनी जमीन बेची थी। गो एयर ने भी पिछले साल दिवालिया घोषित होने के लिए याचिका दाखिल की थी, जिससे इसके संकट का स्पष्ट संकेत मिला।

गो एयर की समस्याओं ने वाडिया ग्रुप को भारी Financial Crisis में डाल दिया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ठाणे स्थित जमीन की नीलामी का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि कंपनी के पास अब बहुत कम विकल्प बचे हैं। इस स्थिति ने न केवल वाडिया ग्रुप को आर्थिक रूप से हिलाया है, बल्कि इसके Reputable Businesses पर भी प्रभाव डाला है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नीलामी के परिणाम स्वरूप वाडिया ग्रुप इस संकट से कितना उबर पाता है और भविष्य में उनके व्यवसायों की दिशा क्या होती है।

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