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पहली बार लोकसभा स्पीकर पद के लिए होंगे चुनाव, पढ़े विस्तार से

देश में पहली बार लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है, जिसमें एनडीए के ओम बिरला का मुकाबला विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के उम्मीदवार के सुरेश से होगा। स्पीकर पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण यह चुनाव हो रहा है। विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद की मांग की थी, लेकिन मोदी सरकार इस पर सहमत नहीं हुई, जिससे विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के रूप में के सुरेश को उतारा।

स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार

NDA की ओर से ओम बिरला ने स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। वहीं, विपक्ष ने के सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है और यह पहली बार है जब स्पीकर पद के लिए चुनाव होने जा रहा है। अब तक यह परंपरा रही है कि, स्पीकर सर्वसम्मति से चुना जाता था, लेकिन इस बार यह परंपरा टूटती नजर आ रही है।

समर्थन के प्रयास

इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से फोन पर बात की और स्पीकर पद पर समर्थन मांगा था। राहुल गांधी ने बताया कि विपक्ष स्पीकर पद पर समर्थन देने के लिए तैयार था, लेकिन डिप्टी स्पीकर पद की मांग भी रखी थी। राजनाथ सिंह की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने के कारण विपक्ष ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी।

के सुरेश का परिचय

के सुरेश, जो कि 8 बार के सांसद हैं, केरल की मावेलिक्कारा सीट से कांग्रेस सांसद हैं। वे 1989, 1991, 1996, 1999, 2009, 2014, 2019, और 2024 में सांसद चुने गए। के सुरेश केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और सबसे अनुभवी सांसद होने के बावजूद उन्हें प्रोटेम स्पीकर नहीं चुने जाने पर विपक्ष ने विरोध जताया था। के सुरेश 1989 में पहली बार सांसद चुने गए थे और 2009 में वे कांग्रेस संसदीय दल के सचिव बने थे। मनमोहन सरकार में के सुरेश अक्टूबर 2012 से 2014 तक केंद्र में मंत्री रहे।

निष्कर्ष

इस बार के लोकसभा स्पीकर चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोई सहमति नहीं बनने के कारण यह चुनाव ऐतिहासिक बन गया है। देखना होगा कि इस मुकाबले में किसका पलड़ा भारी रहेगा और स्पीकर पद पर कौन विराजमान होगा।

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