असम और मणिपुर में बाढ़ का कहर, राहत और बचाव कार्य जारी
पूर्वोत्तर भारत भारी बारिश की चपेट में है, जिसके कारण असम और मणिपुर में बाढ़ की स्थिति विकट हो गई है। दोनों राज्यों में दर्जनों लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है और हजारों लोगों को अपने घरों से निकालकर राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
बुधवार तक बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 48 हो चुकी है। मौसम विभाग ने इन राज्यों सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे आने वाले समय में स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।
बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सेना, असम राइफल्स, राज्य पुलिस, दमकल सेवा, NDRF और SDRF की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। स्थानीय स्वयंसेवक भी बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। नावों का इस्तेमाल कर बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। पैकेज्ड पेयजल और भोजन सामग्री का वितरण भी किया जा रहा है।
असम में स्थिति ज्यादा गंभीर है, जहां 29 जिलों में 16.25 लाख से अधिक लोग बाढ़ की दूसरी लहर से प्रभावित हुए हैं। वहीं मणिपुर में अब तक 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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लगभग 2800 गांव अभी भी जलमग्न हैं और हजारों हेक्टेयर फसल भूमि बाढ़ के पानी से तबाह हो चुकी है। असम में प्रशासन द्वारा 24 जिलों में 515 से अधिक राहत शिविर और वितरण केंद्र बनाए गए हैं, जहां 3.86 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में सैकड़ों सड़कें, दर्जनों पुल और हजारों घर बाढ़ के पानी की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे नदियों के किनारों पर बसे इलाकों में भारी तबाही हुई है।
मणिपुर में इंफाल नदी का तटबंध टूट गया है और लगातार बारिश के कारण कोंगबा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है।
केंद्रीय सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। असम और मणिपुर को अतिरिक्त जनशक्ति, नावों और जीवन रक्षक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्य भी राहत कार्यों में सहायता भेज रहे हैं।
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