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अरविंद केजरीवाल को जमानत: दलीलों का दौर और ईडी का दावा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मिली जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील हाईकोर्ट की अवकाश पीठ के समक्ष इस मामले को पेश करेंगे।

जमानत आदेश पर ईडी की आपत्ति
गुरुवार, 20 जून, 2024 को विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। ईडी ने इस जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का अनुरोध किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप, आज केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहा किया जा सकता है।

कोर्ट में दलीलों का दौर
गुरुवार को अदालत ने ईडी और केजरीवाल की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने दलील दी कि दिल्ली शराब नीति में हुई गड़बड़ी से केजरीवाल की कथित कमाई और अन्य आरोपियों के साथ उनके संबंध स्थापित करने की कोशिश की गई, लेकिन केजरीवाल के वकील ने कहा कि इनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और जमानत का सफर
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 10 मई से 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था और तब से वे जेल में थे।

ईडी का दावा था कि दिल्ली शराब नीति को तैयार करने और लागू करने में गड़बड़ी हुई है और इसमें अरविंद केजरीवाल मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी ने यह भी कहा कि इस गड़बड़ी में आम आदमी पार्टी (AAP) के कई अन्य नेता शामिल रहे हैं।

निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत के खिलाफ ईडी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट का अगला कदम क्या होगा और क्या केजरीवाल को जेल से रिहा किया जाएगा या नहीं।

यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है और आने वाले दिनों में इस पर और भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।

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