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2024 के लोकसभा चुनाव: परिणामों की संक्षिप्त समीक्षा

2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। एनडीए (National Democratic Alliance) ने अभी भी बहुमत बनाए रखा है, लेकिन शक्ति का संतुलन सहयोगी दलों के पक्ष में स्थानांतरित हो गया है।

आइए पांच महत्वपूर्ण मुद्दों पे परिणामों का Briefly Analyze करेंगे।

  1. भाजपा का प्रदर्शन घटा, एनडीए सहयोगियों का बढ़ा

2019 में भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं, लेकिन 2024 में वह 63 सीटें कम यानी 240 सीटें जीत पाई। दूसरी तरफ, एनडीए के अन्य सहयोगियों ने 2019 में 49 सीटों से बढ़कर 2024 में 53 सीटें जीत लीं। इसका मतलब है कि अब सरकार में सहयोगी दलों का प्रभाव बढ़ गया है, सहयोगी दलों का 2014 और 2019 के मुकाबले अधिक नियंत्रण होगा।

  1. कांग्रेस का प्रदर्शन सुधार

कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ सीधी टक्कर में अपनी स्थिति में सुधार किया है। 2014 और 2019 में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट क्रमशः 12.2% और 7.9% था, जो 2024 में बढ़कर 28.8% हो गया है। हालांकि, भाजपा के खिलाफ सीधे मुकाबला करने में कांग्रेस अभी भी कमजोर है लेकिन कांग्रेस ने और भी बेहतर प्रदर्शन उन सीटों पर किया जहां भाजपा सीधी टक्कर में नहीं थी। इन सीटों पर कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 32.7% रहा है।

  1. मंडल राजनीति की दो शैलियों की कहानी

उत्तर प्रदेश में भाजपा 2019 की अपनी 62 सीटें नहीं दोहरा पाई और सपा से चार सीटें पीछे रह गई। बिहार में, भाजपा और एनडीए अपने नुकसान को कम करने में सक्षम रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में बेहतर जातिगत संतुलन था, जिसने सपा को 60% के करीब स्ट्राइक रेट वोट हासिल करने में मदद की, जबकि बिहार में राजद का स्ट्राइक रेट केवल 17.4% रहा।

  1. पश्चिम बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन

2019 में पश्चिम बंगाल में 16 सीटें जीतने वाली बीजेपी का प्रदर्शन 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद गिरावट पर है। 2024 के चुनावों में बीजेपी का सीट शेयर और वोट शेयर लगभग 2021 के प्रदर्शन के बराबर ही है, जो यह दर्शाता है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपने 2019 के प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रही है।

  1. महाराष्ट्र में भाजपा की योजना

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना ने एनडीए से अलग होकर सरकार बनाई, जिससे भाजपा को चुनौती का सामना करना पड़ा। 2024 के परिणाम बताते हैं कि भाजपा की रणनीति ने सीमित सफलता पाई। एनडीए ने राज्य की 48 सीटों में से 17 सीटें जीतीं, जो 2019 की 41 सीटों से काफी कम है।

इन चुनाव नतीजों से स्पष्ट होता है कि 2024 में भारतीय राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। सहयोगी दलों का प्रभाव बढ़ा है और भाजपा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने भी कुछ क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत की है।

गौरतलब की बात है प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून 2024 की शाम को राष्ट्रपति भवन में होना है। इस अवसर पर, भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे; मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ , बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है।

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